नोएडा एक्सटेंशन में जमीनी विवाद हाईकोर्ट में पहुंचने के कारण यहां हिंडन नदी के ऊपर बनने वाला दूसरा ओवरब्रिज भी अधर में लटक गया है। प्राधिकरण कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहा है। फैसला आने के बाद ही निर्माण शुरू करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। इससे आम जनता की भी दिक्कत बढ़ सकती है। नोएडा एक्सटेंशन में बनने वाले सवा से डेढ़ लाख फ्लैटों में करीब दस लाख लोग रहेंगे। इससे भविष्य में एक्सटेंशन में वाहनों का दबाव बढ़ जाएगा। सबसे बुरी हालत नोएडा व ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले हिंडन नदी के पुल पर बनेगी। दोनों शहरों को जोड़ने के लिए कुलेसरा व पर्थला खंजरपुर के पास पुल बने हुए हैं, लेकिन एक्सटेंशन में प्रस्तावित आबादी को देखते हुए यह नाकाफी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दोनों शहरों के बीच रास्ता सुगम करने के लिए छह माह पहले हिंडन नदी पर एक और पुल बनाने का फैसला लिया था। डेढ़ किलोमीटर लंबा यह पुल ऐमनाबाद व बिसरख गांव के बीच बनाया जाना है। इससे कुलेसरा व पर्थला पुल पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा।प्राधिकरण ने दिसंबर 2011 तक ओवरब्रिज के निर्माण का लक्ष्य रखा था। नोएडा एक्सटेंशन में प्राधिकरण व किसानों के बीच जमीन अधिग्रहण को लेकर चल रहे विवाद की वजह से पुल का निर्माण तो दूर, योजना फाइलों से बाहर ही नहीं निकल पाई है। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बिसरख व ऐमनाबाद दोनों गांवों के किसानों ने अधिग्रहण को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाएगा, तब तक निर्माण शुरू करने में दिक्कत है। प्राधिकरण फैसला आने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू कराएगा। -- Source : Dainik Jagran
0 comments:
Post a Comment