नोएडा, संवाददाता : नोएडा एक्सटेंशन को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले किसानों का विरोध-प्रदर्शन और फिर न्यायालय द्वारा जमीन अधिग्रहण को निरस्त करने के बाद अब खरीदार ही प्राधिकरण के हालिया फैसले के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। खरीदारों ने पिछली बोर्ड बैठक में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी या बहुमंजिला बिल्डर्स फ्लैट का एफएआर बढ़ाने के फैसले पर आपत्ति दर्ज कराई है।
ज्ञात हो कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दो सितंबर को हुई बोर्ड बैठक में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी का एफएआर 2.75 से बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। अधिकारियों ने सर्वसम्मति से इसे बढ़ाकर 3.50 कर दिया था। इस प्रस्ताव का सबसे ज्यादा लाभ नोएडा एक्सटेंशन में अटके पड़े बिल्डरों के प्रोजेक्ट को मिलना है। हालांकि मामला कोर्ट में होने की वजह से फिलहाल इनका निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो पाने की स्थिति स्पष्ट नहीं है। लेकिन प्राधिकरण अपनी तरफ से किसानों को मनाने का पूरा प्रयास कर रहा है। ऐसे में अगर काम दोबारा शुरू होता है तो बिल्डर मंजिल बढ़ाकर अतिरिक्त फ्लैट बनाकर अपनी क्षतिपूर्ति कर सकेंगे।
प्राधिकरण ने इस निर्णय के बाद जन सामान्य से इसके लिए आपत्तियां आमंत्रित की थी। इस पर नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ऑनर्स एंड मेंबर्स एसोसिएशन ने इस पर आपत्ति जताई है। एसोसिएशन ने एफएआर बढ़ाने को लेकर रविवार को अपने सदस्यों संग एक बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि एसोसिएशन की तरफ से इस संदर्भ में एक आपत्ति पत्र ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर पदाधिकारी उनसे मिलकर भी इस निर्णय का विरोध जताएंगे। मंगलवार को एसोसिएशन की तरफ से उनकी आपत्तियों का पत्र प्राधिकरण को भेज दिया गया है। खरीदारों की यह आपत्ति बिल्डरों को मिलने वाली राहत की राह में रोड़ा साबित हो सकती है।
सुविधा घटेगी, परेशानी बढ़ेगी
एसोसिएशन के संस्थापक देवेन्द्र कुमार का मानना है कि अगर बढ़े हुए एफएआर के साथ नोएडा एक्सटेंशन में निर्माण शुरू हुआ तो खरीदारों की मुश्किल और बढ़ जाएगी। जनसंख्या घनत्व बढ़ने से आसपास के पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। साथ ही पार्किंग व जलापूर्ति जैसी सुविधा का भी टोटा सहना पड़ेगा। इसका परिणाम छोटी-छोटी बातों पर झगड़े के रूप में सामने आएगा।
परियोजना में होगी देरी
निदेशक विजय त्रिवेदी के मुताबिक काम रुकने से परियोजना में पहले ही देरी होना स्वाभाविक है। एफएआर बढ़ाने के बाद मंजिलें बढ़ने पर इसकी समयावधि और बढ़ जाएगी। इससे खरीदारों का इंतजार बढ़ जाएगा।
नए टावर खड़े होने लगेंगे
अध्यक्ष अभिषेक कुमार का मानना है कि एफएआर बढ़ने के बाद बिल्डर नए टॉवर खड़े करने लगेंगे। इससे छोटे से क्षेत्रफल में लोगों की भीड़ बढ़ जाएगी और सड़कें सहित अन्य सभी जरूरतें कम पड़ने लगेंगी।
सही नहीं क्षमता से अधिक निर्माण
उपाध्यक्ष अनु खान ने बताया कि जिन लोगों ने शुरू में किसी वजह से बुकिंग की दस प्रतिशत की पूरी राशि जमा नहीं की है, उनसे बिल्डर अब शेष रकम 24 प्रतिशत ब्याज के साथ जमा कराने की बात कह रहे हैं। बिल्डर पुराने खरीदारों को रियायत नहीं दे रहे तो उन्हें ही प्राधिकरण क्यों सारी छूट दे।
खरीदारों का क्या दोष है
महासचिव स्वेता भारती कहती हैं कि जमीन कैसे अधिग्रहित हुई। उस पर क्या विवाद था, यह खरीदारों को नहीं पता था। फिर वह क्यों खामियाजा भुगतें। एफएआर बढ़ाने से सुविधाएं घटना स्वाभाविक है। वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे।