जमीन अधिग्रहण के बदले मिल रहे मुआवजे के चेक समय पर न देने और चेक देते समय रिश्वत मांगे जाने से गुस्साए दर्जनांे गांवांे के किसानों ने बीकेयू पदाधिकारियांे के साथ यमुना अथॉरिटी के एडीएम लैंड दफ्तर का घेराव किया। किसानांे ने एडीएम लैंड को दफ्तर में बंद कर दिया, जबकि तहसीलदार और नायब तहसीलदार को घेरकर बाहर अपने बीच बैठा लिया। करीब ढाई घंटे तक बंधक बने रहने के बाद एडीएम लैंड यमुना अथॉरिटी ने घेराव कर रहे बीकेयू पदाधिकारी और किसानांे को वार्ता करने के लिए बुलाया। लेकिन किसानांे ने यह कहकर साफ इंकार कर दिया कि बात करनी है तो किसानों के बीच आकर करें।
एडीएम लैंड अरविंद कुमार किसानों के बीच पहंुचे और रिश्वत मांगने वाले अफसर और बाबूओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने व 15 दिनों में किसानांे को मुआवजे के चेक दिए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद बीकेयू पदाधिकारी किसानांे के साथ बीटा -2 स्थित यमुना अथॉरिटी दफ्तर पहंुचे। यहां किसानांे की 20 सूत्रीय मांगांे से संबधित ज्ञापन सौंपा, जिसमें तीन अथॉरिटी के किसानांे को पतवाड़ी के बराबर मुआवजा और आठ प्रतिशत आबादी, पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी का भेद समाप्त करने व पुर्नवास नीति साल 1997 से लागू करने की मांगें शामिल थीं।
सेक्टर अल्फा-2 स्थित यमुना अथॉरिटी एडीमए लैंड दफ्तर पहंुचने वाले यमुना अथॉरिटी एरिया के गांव भटटा पारसौल, रौनीजा, रीलखा, मुतैना, धनौरी, महमूदपुर समेत दर्जनांे गांवांे के किसानों का नेतृत्व बीकेयू के जिलाध्यक्ष अजयपाल शर्मा कर रहे थे। अजयपाल शर्मा ने बताया कि यमुना अथॉरिटी ने किसानों का मुआवजा 35 रुपये बढ़ाया है। किसान बढे़ हुए मुआवजे की फाइल तैयार करने और चेक देने पर रिश्वत मांगते हंै। बगैर रिश्वत लिए मुआवजे के चेक नहीं दिए जाते हैं। आरोप है कि एडीएम लैंड दफ्तर में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। किसान नेता अनिल कसाना ने कहा कि यमुना अथॉरिटी एडीएम लैंड मंे फैले भ्रष्टाचार से किसान परेशान हैं। किसानांे से मुआवजे की फाइल तैयार करने के नाम पर घूस ली जाती है। जो किसान घूस नहीं देता है, उसकी फाइल मंे कमियां बताकर रोक दी जाती हैं। किसान मुआवजे के चेक के लिए चक्कर लगाता रहता है। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हुआ तो बीकेयू दफ्तर को सील कर देगी। एडीएम लैंड को दफ्तर में बंद करने और तहसीलदार और नायब तहसीलदार को अपने बीच बंधक बनाने वालांे में राजीव मलिक, प्रमोद गुर्जर, चंद्रपाल नागर, मास्टर श्यौराज सिंह, महेश रावल आदि शामिल थे।
source : NBT
एडीएम लैंड अरविंद कुमार किसानों के बीच पहंुचे और रिश्वत मांगने वाले अफसर और बाबूओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने व 15 दिनों में किसानांे को मुआवजे के चेक दिए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद बीकेयू पदाधिकारी किसानांे के साथ बीटा -2 स्थित यमुना अथॉरिटी दफ्तर पहंुचे। यहां किसानांे की 20 सूत्रीय मांगांे से संबधित ज्ञापन सौंपा, जिसमें तीन अथॉरिटी के किसानांे को पतवाड़ी के बराबर मुआवजा और आठ प्रतिशत आबादी, पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी का भेद समाप्त करने व पुर्नवास नीति साल 1997 से लागू करने की मांगें शामिल थीं।
सेक्टर अल्फा-2 स्थित यमुना अथॉरिटी एडीमए लैंड दफ्तर पहंुचने वाले यमुना अथॉरिटी एरिया के गांव भटटा पारसौल, रौनीजा, रीलखा, मुतैना, धनौरी, महमूदपुर समेत दर्जनांे गांवांे के किसानों का नेतृत्व बीकेयू के जिलाध्यक्ष अजयपाल शर्मा कर रहे थे। अजयपाल शर्मा ने बताया कि यमुना अथॉरिटी ने किसानों का मुआवजा 35 रुपये बढ़ाया है। किसान बढे़ हुए मुआवजे की फाइल तैयार करने और चेक देने पर रिश्वत मांगते हंै। बगैर रिश्वत लिए मुआवजे के चेक नहीं दिए जाते हैं। आरोप है कि एडीएम लैंड दफ्तर में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। किसान नेता अनिल कसाना ने कहा कि यमुना अथॉरिटी एडीएम लैंड मंे फैले भ्रष्टाचार से किसान परेशान हैं। किसानांे से मुआवजे की फाइल तैयार करने के नाम पर घूस ली जाती है। जो किसान घूस नहीं देता है, उसकी फाइल मंे कमियां बताकर रोक दी जाती हैं। किसान मुआवजे के चेक के लिए चक्कर लगाता रहता है। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हुआ तो बीकेयू दफ्तर को सील कर देगी। एडीएम लैंड को दफ्तर में बंद करने और तहसीलदार और नायब तहसीलदार को अपने बीच बंधक बनाने वालांे में राजीव मलिक, प्रमोद गुर्जर, चंद्रपाल नागर, मास्टर श्यौराज सिंह, महेश रावल आदि शामिल थे।
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