नोएडा अथॉरिटी
सौहरखा समेत 5 गांवों की 802 एकड़ जमीन के मामले में किसानों और अथॉरिटी के बीच समझौता हो गया है। 15 दिनों में अथॉरिटी अपने खर्चे पर सुप्रीम कोर्ट में मामले की पैरवी करनी शुरू कर देगी। साथ ही , मामला लंबा खिंचने पर शासन स्तर से विशेष अनुमति लेकर इस जमीन के बाबत किसानों को मुआवजा समेत किसान कोटे की जमीन देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह समझौता मंगलवार को अथॉरिटी चेयरमैन और किसानों के साथ मुख्य प्रशासनिक ऑफिस में हुई बैठक में हुआ। उधर , दूसरे दिन भी किसानों ने सेक्टर - 74 में शांतिपूर्वक धरना जारी रखा। हालांकि कुछ किसानों ने बिल्डरों का काम रोकने की कोशिश की , लेकिन रोक का खास असर नहीं पड़ा , जिसके चलते बिल्डर साइटों पर काम जारी रहा।
अथॉरिटी चेयरमैन एवं सीईओ बलविंदर कुमार ने बताया कि किसानों की हर समस्या का समाधान करने की कोशिशें की जा रही हैं। इसी क्रम में सौहरखा समेत पांच गांवों की राज्य सरकार में निहित जमीन की पैरवी अथॉरिटी अपने खर्च पर सुप्रीम कोर्ट में कराएगी। जल्द निर्णय नहीं होने की स्थिति में प्रदेश सरकार से विशेष अनुमति लेने के प्रयास किए जाएंगे। जिसमें अथॉरिटी को जमीन ट्रांसफर कर किसानों को मुआवजा और किसान कोटे की जमीन देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सौहरखा ग्राम प्रधान नरेश यादव ने बताया कि चेयरमैन के 15 दिनों में समस्या का हल कराने के आश्वासन पर किसान संतुष्ट हैं। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के कई वकील , अथॉरिटी अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
सौहरखा समेत 5 गांवों की 802 एकड़ जमीन के मामले में किसानों और अथॉरिटी के बीच समझौता हो गया है। 15 दिनों में अथॉरिटी अपने खर्चे पर सुप्रीम कोर्ट में मामले की पैरवी करनी शुरू कर देगी। साथ ही , मामला लंबा खिंचने पर शासन स्तर से विशेष अनुमति लेकर इस जमीन के बाबत किसानों को मुआवजा समेत किसान कोटे की जमीन देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह समझौता मंगलवार को अथॉरिटी चेयरमैन और किसानों के साथ मुख्य प्रशासनिक ऑफिस में हुई बैठक में हुआ। उधर , दूसरे दिन भी किसानों ने सेक्टर - 74 में शांतिपूर्वक धरना जारी रखा। हालांकि कुछ किसानों ने बिल्डरों का काम रोकने की कोशिश की , लेकिन रोक का खास असर नहीं पड़ा , जिसके चलते बिल्डर साइटों पर काम जारी रहा।
अथॉरिटी चेयरमैन एवं सीईओ बलविंदर कुमार ने बताया कि किसानों की हर समस्या का समाधान करने की कोशिशें की जा रही हैं। इसी क्रम में सौहरखा समेत पांच गांवों की राज्य सरकार में निहित जमीन की पैरवी अथॉरिटी अपने खर्च पर सुप्रीम कोर्ट में कराएगी। जल्द निर्णय नहीं होने की स्थिति में प्रदेश सरकार से विशेष अनुमति लेने के प्रयास किए जाएंगे। जिसमें अथॉरिटी को जमीन ट्रांसफर कर किसानों को मुआवजा और किसान कोटे की जमीन देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सौहरखा ग्राम प्रधान नरेश यादव ने बताया कि चेयरमैन के 15 दिनों में समस्या का हल कराने के आश्वासन पर किसान संतुष्ट हैं। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के कई वकील , अथॉरिटी अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
source :NBT