ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के जिन आंवटियों ने आंवटन के छह महीने बाद तक प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं कराई है , उन्हें अब करंट सर्कल रेट पर रजिस्ट्री करानी पडे़गी। ग्रेटर नोएडा में करीब ढाई हजार और यमुना अथॉरिटी में करीब चार हजार संपत्तियों की रजिस्ट्री होनी बाकी है। इनसे प्रदेश सरकार को करीब 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
अब तक अथॉरिटी जिन लोगों को जमीन आवंटित करती थी। उसकी रजिस्ट्री अथॉरिटी के रेट पर होती थी। लेकिन सरकार ने इसमें संसोधन करके नई व्यवस्था लागू कर दी। आवंटन के छह महीने के दौरान प्लॉट की रजिस्ट्री कराने में आंवटन दर पर स्टांप शुल्क देने का प्रावधान किया था। छह महीने बाद भी रजिस्ट्री न कराने पर डीएम की ओर से लागू सर्किल रेट पर रजिस्ट्री करानी होगी। यमुना और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में ऐसे करीब छह हजार आवंटी हैं , जिन्होंने आंवटन के छह महीने बाद भी रजिस्ट्री नहीं कराई है।
अथॉरिटी ने शासन को पत्र भेजकर रजिस्ट्री में छूट दिए जाने की मांग शासन से की थी। पर शासन ने छूट देने से इनकार कर दिया है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के डीसीईओ पीसी गुप्ता का कहना है कि शासन के आदेश के अनुसार रजिस्ट्री करानी होगी। रजिस्ट्री न कराने वाले आंवटियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं ।
अब तक अथॉरिटी जिन लोगों को जमीन आवंटित करती थी। उसकी रजिस्ट्री अथॉरिटी के रेट पर होती थी। लेकिन सरकार ने इसमें संसोधन करके नई व्यवस्था लागू कर दी। आवंटन के छह महीने के दौरान प्लॉट की रजिस्ट्री कराने में आंवटन दर पर स्टांप शुल्क देने का प्रावधान किया था। छह महीने बाद भी रजिस्ट्री न कराने पर डीएम की ओर से लागू सर्किल रेट पर रजिस्ट्री करानी होगी। यमुना और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में ऐसे करीब छह हजार आवंटी हैं , जिन्होंने आंवटन के छह महीने बाद भी रजिस्ट्री नहीं कराई है।
अथॉरिटी ने शासन को पत्र भेजकर रजिस्ट्री में छूट दिए जाने की मांग शासन से की थी। पर शासन ने छूट देने से इनकार कर दिया है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के डीसीईओ पीसी गुप्ता का कहना है कि शासन के आदेश के अनुसार रजिस्ट्री करानी होगी। रजिस्ट्री न कराने वाले आंवटियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं ।
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