नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ऑनर मेंबर एसोसिएशन ने बिल्डरों से तीन वादे लिखित में लेने का फैसला किया है। ये हैं, बुक फ्लैट के दाम नहीं बढ़ाना, एफएआर नहीं बढ़ाना और तय खाली स्पेस में नए टावर नहीं खड़े करना।
यह भी तय हुआ है कि बैंकों से लोन शुरू कराने के लिए कई टीमें बैंकों में जाएंगी। फिर भी लोन पास नहीं होने पर प्लॉनिंग कमिशन से अपील की जाएगी। किसानों के रुख को देखते हुए सहमति बनी कि अगर वे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए, तो खरीदार भी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
एसोसिएशन प्रेजिडेंट अभिषेक कुमार और फाउंडर देवेंद्र ने बताया, करीब 250 खरीदारों की मीटिंग रविवार को नोएडा एक्सटेंशन में हुई। उनका कहना था कि मामला कोर्ट में होने से हुई देरी का असर पुराने खरीदारों पर नहीं पड़ना चाहिए। बिल्डरों ने यह कहा है, लेकिन इस वादे को लिखित में मांगा जाएगा। इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) बढ़ा दिया है। खरीदार चाहते हैं कि जो एफएआर फ्लैट बुक कराते समय था, वही रहना चाहिए। अगर एफएआर बढ़ा, तो बिल्डरों को फ्लैट में ज्यादा कंस्ट्रक्शन की छूट मिल जाएगी। इससे फ्लैट के डिजाइन में बदलाव हो सकता है। उन्होंने यह आशंका भी जताई कि बिल्डर अपने नुकसान की भरपाई के लिए टावरों के बीच खाली जगह में नए टावर बना सकते हैं। तय किया गया कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। अभिषेक ने बताया कि दिवाली के बाद बिल्डरों और बैंकों से मुलाकात की जाएगी। अभी तक बैंक नोएडा एक्सटेंशन का मामला कोर्ट में बताकर लोन देने में आनाकानी करते रहे हैं, लेकिन अगर अब भी बैंकों का यही रवैया रहा, तो बैंकों के खिलाफ प्लॉनिंग कमीशन के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहुलवालिया से मिला जाएगा।
यह भी तय हुआ है कि बैंकों से लोन शुरू कराने के लिए कई टीमें बैंकों में जाएंगी। फिर भी लोन पास नहीं होने पर प्लॉनिंग कमिशन से अपील की जाएगी। किसानों के रुख को देखते हुए सहमति बनी कि अगर वे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए, तो खरीदार भी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
एसोसिएशन प्रेजिडेंट अभिषेक कुमार और फाउंडर देवेंद्र ने बताया, करीब 250 खरीदारों की मीटिंग रविवार को नोएडा एक्सटेंशन में हुई। उनका कहना था कि मामला कोर्ट में होने से हुई देरी का असर पुराने खरीदारों पर नहीं पड़ना चाहिए। बिल्डरों ने यह कहा है, लेकिन इस वादे को लिखित में मांगा जाएगा। इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) बढ़ा दिया है। खरीदार चाहते हैं कि जो एफएआर फ्लैट बुक कराते समय था, वही रहना चाहिए। अगर एफएआर बढ़ा, तो बिल्डरों को फ्लैट में ज्यादा कंस्ट्रक्शन की छूट मिल जाएगी। इससे फ्लैट के डिजाइन में बदलाव हो सकता है। उन्होंने यह आशंका भी जताई कि बिल्डर अपने नुकसान की भरपाई के लिए टावरों के बीच खाली जगह में नए टावर बना सकते हैं। तय किया गया कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। अभिषेक ने बताया कि दिवाली के बाद बिल्डरों और बैंकों से मुलाकात की जाएगी। अभी तक बैंक नोएडा एक्सटेंशन का मामला कोर्ट में बताकर लोन देने में आनाकानी करते रहे हैं, लेकिन अगर अब भी बैंकों का यही रवैया रहा, तो बैंकों के खिलाफ प्लॉनिंग कमीशन के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहुलवालिया से मिला जाएगा।
Source NBT
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