े नोटिस का प्रूफ़ ( पी.ओ.डी. ) मांगा तो उसने देने से इनंकार किया ।
2. बहुत सारे लोगो के सिर्फ़ सर्विस टैक्स की वजह से फ़्लैट कैंसल किये गये ।
इनमें से कुछ लोगो का तो सिर्फ़ १००/- से १०००/- तक कम था । जबकी फ़्लैट
बुकिंग कराते समय सुपरटेक नें सर्विस टैक्स नही मांगा था । बाद में सर्विस
टैक्स लगने के बाद भी कोई डिंमांड नही भेजी गई । लेकिन सीधे फ़्लैट कैंसल कर
दिया गया ।
3. बहुत सारे ऎसे भी लोग है जिनसे भारी भरकम ब्याज
की मांग की जा रही है ,जबकि उससे पहले तक इन बिल्डर नें कोई डिमांड नही
भेजी थी । और मामला भी कोर्ट में लम्बिंत था ।
4. इलहाबाद हाई
कोर्ट द्भारा पतबाड़ी और शाहबेरी गांव का जमीन अधिग्रहण रद्द होने के बाद
सुपरटेक बिल्डर्स ने वादा किया था कि वो सभी प्रभावित फ़्लैट बाँयर्स को
बिना बिके हुऎ फ़्लैटो में शिफ़्ट कर दिया जायेगा । लेकिन आज सबसे ज्यादा
इन्ही लोगो के फ़्लैट कैंसल किये जा रहे है ।
5. लगभग सभी बाँयर्स
से एक एक अडेंडम साईन करने के लिये कहाँ जा रहा है ताकि बिल्डर्स को देरी
पर ब्याज ना देना पड़े । और एफ़.ए.आर. बड़ाने पर बाँयर्स कोई विरोध ना कर सके ।
यह सब फ़्लैट बाँयर्स की सहमति से होना चाहिये लेकिन सुपरटेक व अन्य
बिल्डर्स ,फ़्लैट कैंसलेशन की धमकी दे कर यह सब कर रहे है ।
इसके
अलावा मंत्री महोदय से इस बात की भी चर्चा की गई कि मौजूदा समय में यू.पी.
में एक कानून यू.पी. अपार्टमेंट एक्ट है लेकिन फ़िर भी इसका पालन नही किया
जा रहा । यू.पी. अपार्टमेंट एक्ट रूल्स 2011 के नियमानुसार बिल्डरो के
लिये फ़्लैट के आवंटियो को छ: पन्नों वाले डिक्लेयरेशन फ़ार्म देना अनिवार्य
है । इस फ़ार्म में प्रोजेक्ट्स के लिये जमीन जुटाने से लेकर इसके निर्माण
तक की पूरी डिटेल मौजूद होगी । आंवटी के पास फ़ार्म होने पर बिल्डर्स कोई
गड़बड़ नही कर सकेगें । वादे से मुकरने वाले बिल्डरो पर कानूनी कार्यवाही की
जा सकेगी । एक्ट में यह नियम है कि प्रोजेक्ट का नक्शा पास कराने वालो को
12 महीने में और निर्माण कर चुके बिल्डर्स को तीन माह में डिक्लेयरेशन
फ़ार्म देना अनिवार्य है इसके अलावा बिल्डर्स को एक प्रति प्राधिकरण को जमा
करानी होती है । लेकिन अभी तक कोई भी वो बिल्डर जिसने अपने प्रोजेक्ट पर
काम शुरु कर दिया है या उसका प्रोजेक्ट पास हो गया है ने डिक्लेयरेशन फ़ार्म
फ़्लैट आँनर्स को उपलब्ध नही कराया है ।
मंत्री महोदय ने सारी बाते
सुनने के बात तुरंत अपने अधिकारियो को यू.पी. के मुख्यमंत्री को पत्र लिखने
को कहाँ इसके अलावा उन्होने नेफ़ोमा टीम को पूरा आस्वाशन दिया कि इस मुद्दे
पर वो पूरी तरह फ़्लैट आँनर्स के साथ है । और जो भी कार्यवाही होगी ,उसकी
एक प्रति नेफ़ोमा को भी उपलब्ध करा दी जायेगी ।