अथॉरिटी चेयरमैन व सीईओ बलविंदर कुमार ने बुधवार को सेक्टर- 62, 63, 64 आदि सेक्टरों का दौरा कर खाली प्लाटों की तत्काल बाउंड्री कराने का निर्देश दिया। एक साल के दौरान हुए अतिक्रमण की सूची संबंधित इंजीनियरों को देने को कहा गया है। उधर, अथॉरिटी के सचिव हरीश चंद्रा ने बुधवार को असगरपुर गांव का सर्वे किया। गुरुवार को सोहरखा गांव का सर्वे किया जाएगा। जबकि शुक्रवार को कोंडली बांगर के सर्वे के दौरान चेयरमैन खुद मौजूद रहेंगे।

चेयरमैन ने बताया कि सेक्टर- 62, 63 और 64 में काफी भूखंड खाली पड़े हैं। जिन पर कबाडि़यों के कब्जे की शिकायतों के चलते अब वहां पर अथॉरिटी द्वारा बाउंड्रीवॉल बनवाई जाएगी। बाउंड्रीवॉल बनाने की कीमत को बेचने के समय जोड़ तक कास्ट निर्धारण किया जाएगा। इंजीनियरों से एक साल के अंदर बढ़े अतिक्रमण की रिपोर्ट मांगी गई है। सेक्टरों में हाल ही बसी झुग्गियों के बारे में भी रिपोर्ट तलब की गई है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि असगरपुर गांव का सर्वे कर सूची बनाई जा रही है। इसके आधार पर आबादी तय कर 5 पर्सेंट की सूची तैयार की जाएगी।

किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर 23 सितंबर को नोएडा अथॉरिटी के घेराव की घोषणा करने वाली किसान बचाओ संघर्ष समिति बुलंद इरादों के साथ अपने कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटी हुई है। समिति से जुड़े सदस्यों ने बुधवार को मंगरौली, छपरौली, असगरपुर, बख्तावरपुर, सादूपुर, सुलतानपुर, नंगली बाजिदपुर, रायपुर, गढ़ी शहदरा, मोहियापुर, सदरपुर, झुंडपुरा, नंगली नंगला और दल्लूपुरा गांव का दौरा किया।

समिति के अध्यक्ष रघुराज सिंह के नेतृत्व में चलाए गए इस जनसंपर्क अभियान में लोगों ने बड़ी संख्या में अपनी भागीदारी की। ग्रामीणों को संबोधित करते हुए रघुराज सिंह ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश को लूटा था। देश की आजादी के बाद अब वही काम नोएडा अथॉरिटी करने में लगी हुई है। फर्क केवल इतना है कि पहले इस लूट का हिस्सा अंग्रेजों में बंटता था, अब यह हिस्सा बिल्डर, राजनेताओं और उद्योगपतियों की जेबों में जा रहा है। अथॉरिटी ने इंडस्ट्री के नाम पर छीनी गई जमीनों को अंडरटेबल मनी लेकर बिल्डरों को दे दिया, जिससे अफसर और बिल्डर तो मालामाल हो गए लेकिन देश का अन्नदाता किसान पहले से ज्यादा बदहाल हो गया।  ..... Source - Nav Bharat Times....

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग बिल्डिंगों का एफएआर (फ्लोर एरिया रेसियो) 2.75 फीसदी से बढ़ा कर 3.50 फीसदी कर दिया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा नोएडा एक्सटेंशन में किसानों के आंदोलन से जूझ रहे बिल्डरों को मिलेगा। एफएआर बढ़ने से बिल्डरों के फ्लैटों की संख्या डेढ़ गुना बढ़ जाएगी। प्राधिकरण ने दो सितंबर को हुई 90वीं बोर्ड बैठक में भवन नियमावली में संशोधन किया था। बुधवार को संशोधित भवन नियमावली के बारे में प्राधिकरण ने 15 दिन के अंदर लोगों की आपत्ति व सुझाव मांगा है। इसके बाद संशोधित भवन नियमावली लागू हो जाएगी।
करीब चार साल पूर्व ग्रेटर नोएडा में ग्रुप हाउसिंग बिल्डिंगों का एफएआर 1.75 था। दो साल पहले इसे बढ़ा कर 2.75 फीसदी कर दिया गया था। चार साल के अंदर प्राधिकरण ने तीसरी बार एफएआर बढ़ा कर 3.50 फीसदी कर दिया। संशोधित भवन नियमावली ग्रुप हाउसिंग के नए बिल्डिंगों पर लागू होगी, पुराने बिल्डर भी इसका फायदा उठा सकते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए प्राधिकरण से अनुमति लेकर कुछ चार्ज देना पड़ेगा। चार्ज कितना पड़ेगा, इसका निर्णय अब तक नहीं हुआ है। देखा जाए तो इसका सबसे ज्यादा नोएडा एक्सटेंशन के बिल्डरों को होगा। वहां बिल्डरों ने अभी निर्माण कार्य शुरू ही किया था कि जमीन अधिग्रहण का विवाद कोर्ट में चला गया। बिल्डरों का निर्माण कार्य बंद हो गया है, इससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है। एफएआर बढ़ने से बिल्डरों के फ्लैटों की संख्या डेढ़ गुना बढ़ जाएगी। बिल्डर नए दर पर फ्लैटों को बेच कर हुए नुकसान का भरपाई कर सकेंगे। प्राधिकरण ने सुरक्षा के लिहाज से आवासीय, संस्थागत, औद्योगिक भवनों के चारदीवारी की ऊंचाई भी बढ़ा दी है। आवासीय भवनों में चारदीवारी की ऊंचाई 2.4 मीटर कर दिया गया है, पहले 1.9 मीटर था। इसी तरह संस्थागत व औद्योगिक भवनों के चारदीवारी की ऊंचाई बढ़ाई गई है।  ...... Source - Jagran .....

नोएडा एक्सटेंशन समेत अन्य गांवों में जमीन अधिग्रहण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 28 गांवों की सुनवाई पूरी कर ली है। बुधवार को कोर्ट में छह गांवों की सुनवाई हुई। उम्मीद है कि बृहस्पतिवार तक सभी गांवों की सुनवाई पूरी हो जाएगी। इसके बाद नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे के गांवों की सुनवाई चलेगी।
नोएडा एक्सटेंशन समेत ग्रेटर नोएडा के 40 गांवों के किसानों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी बेंच 12 सितंबर से लगातार मामले की सुनवाई कर रहा है। कोर्ट अब तक 28 गांवों की सुनवाई कर चुका है। किसानों के वकील मुकेश रावल ने बताया कि बुधवार को कोर्ट में हैबतपुर, चिपियाना बुजुर्ग, बिसरख जलालपुर, रिठौरी, इटैड़ा व लुक्सर गांव की सुनवाई हुई। इसदौरान प्राधिकरण ने गांव वार की जमीन अधिग्रहण की पूरी जानकारी, भूमि परिवर्तन, किस उद्देश्य से जमीन का अधिग्रहण हुआ, जिस उद्देश्य से अधिग्रहण हुआ, उसका कितना आवंटन हुआ और कितनी जमीन अभी खाली पड़ी हुई है। इसकी पूरी जानकारी सोमवार तक कोर्ट में देने की बात कही है। उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा के शेष गांवों की सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी। इसके बाद नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे के गांवों की सुनवाई होगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण क्षेत्र के 69 गांवों के किसानों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ याचिका डाल रखी है। ....... Source : Dainik Jagran .....

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