खरीद-बिक्री का खर्च जब कभी आप पुरानी प्रॉपर्टी बेचते हैं या नई प्रॉपर्टी खरीदने जाते हैं तो उस पर स्टैंप ड्यूटी , रियल्टी की कीमत आंकने की फीस , अप्रेजल फीस , कंस्ट्रक्शन की गुणवत्ता जांचने वाले और वकील की फीस आदि देनी होती है। कुल मिलाकर देखा जाए तो ये शुल्क कम नहीं होते। कभी-कभार खरीदने या बेचने वाला पक्ष आपसे लेन-देन के सभी शुल्क चुकाने को कहता है।

प्राधिकरण के खर्च- प्राधिकरण के कई प्रकार के खर्चे होते हैं जिसे फाइनैंस कराने की जरूरत होती है। इनमें रेग्युलराइजेशन शुल्क , भूमि के इस्तेमाल का कनवर्जन शुल्क , ट्रांसफर शुल्क , डिवेलपमेंट शुल्क , मैप शुल्क या दस्तावेजों के वेरिफिकेशन शुल्क आदि शामिल होते हैं।

बिचौलिए का कमीशन- घरेलू प्रॉपर्टी के लिए मौजूदा कमिशन लेन-देन की कीमत का 1-2 फीसदी चल रहा है। बातचीत के जरिए इसे कम कराया जा सकता है। इसमें तब और आसानी होती है जब आप एक ही ब्रोकर के जरिए प्रॉपर्टी खरीद और बेच रहे हों। बाजार के नियम और शर्तों के मुताबिक चलने पर आप घाटे में रह सकते हैं। यह बढ़िया रहेगा कि आप लेन-देन से पहले ही बिचौलिए का कमिशन तय कर लें।

पुरानी प्रॉपर्टी से जुड़े शुल्क- आपने देखा होगा कि सब्जियों को ताजा बनाए रखने के लिए 5-10 मिनट के अंतराल पर पानी का छिड़काव करता रहता है। इसी तरह बिक्री वाली प्रॉपर्टी का उचित रख-रखाव जरूरी है। अगर आप घरेलू प्रॉपर्टी बेचने जा रहे हैं तो इसकी मरम्मत और पेंटिंग कराने की जरूरत पड़ सकती है। इससे आपको बेहतर कीमत मिल सकती है।

पूर्वभुगतान शुल्क- अगर पुरानी प्रॉपर्टी आपने कर्ज लेकर खरीदी हुई है तो प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने से पहले उसका भुगतान करना जरूरी हो जाता है। लोन का पूर्वभुगतान शुल्क कर्ज की बकाया मूल राशि का 1 प्रतिशत से 4 प्रतिशत तक होता है।

होम इंश्योरेंस- यह महत्वपूर्ण होता है। नया घर खरीदने के साथ ही आपको हो इंश्योरेंस लेने की जरूरत होती है। इसकी लागत मकान के क्षेत्रफल , स्थान , घर के सामान और प्रॉपर्टी की कीमत पर निर्भर करती है।

मॉर्टगेज कवर- अगर नई प्रॉपर्टी लोन लेकर खरीद रहे हैं तो आपको अतिरिक्त जीवन बीमा कवर लेना चाहिए। अधिकतर मामलों में कर्जदाता चाहता है कि आप लोन के साथ ही एक बीमा पॉलिसी ले लें और प्रीमियम की राशि कर्ज की राशि में जोड़ दी जाती है। हालांकि , आपको इसकी जगह टर्म इंश्योरेंस कवर को तरजीह देनी चाहिए। टर्म इंश्योरेंस में कवर की राशि पुनर्भुगतान अवधि के दौरान यथावत बनी रहती है जबकि मॉर्टगेज इंश्योरेंस के मामले में मासिक किस्तों के भुगतान के साथ ही यह घटता जाता है।

नया लोन- नया लोन आप मौजूदा ब्याज दरों के आधार पर लेंगे। हो सकता है कि आपका पुराना लोन कम ब्याज दर पर लिया गया हो और अब ब्याज के खर्चे बढ़ गए हों।

इसके अलावा , लोन उपलब्ध कराने वाली सभी कंपनियां प्रोसेसिंग और डॉक्यूमेंटेशन के लिए एक तय शुल्क लेती हैं। कुछ कंपनियां आपसे मासिक किस्तों के अग्रिम भुगतान के लिए भी कहती हैं। इन खर्चों के लिए किसी व्यक्ति को तैयार रहना चाहिए।

पार्किंग और अन्य खर्च- अगर खरीदी जाने वाली नई प्रॉपर्टी अपार्टमेंट या फ्लैट है तो आपको पार्किंग शुल्क के तौर पर सालाना या एकमुश्त राशि का भुगतान करना होता है।

यह शुल्क बिल्डिंग मेंटिनेंस निर्धारित करता है और यह पार्किंग की श्रेणी पर निर्भर करता है। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद नए घर में रहने की तैयारी करनी होती है जिसमें फर्निचर , पर्दे , इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि शामिल होते हैं। इस प्रकार के छोटे-छोटे खर्च जुड़ कर बड़ी राशि बन जाती है और हमारे घरेलू बजट पर भारी पड़ सकते हैं। इनकी व्यवस्था कर चलने में ही बुद्धिमानी है। 

source : NBT

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